हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़ में 116 लोगों की मौत जिलों के डॉक्टर्स और प्रशासन अलर्ट, सीएम योगी ने 24 घंटे के अंदर मांगी रिपोर्ट।
रिपोर्टर आकाश मौर्य सत्य हिंदी टीवी
भक्ति का चरम ये है की लोगों ने बाबा की चरण धूल के लिए एक दूसरे को कुचल डाला।
ऐसे हुआ हादसा- सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए और इसी भगदड़ में कुचलने से इतनी मौतें हुईं। इस स्थिति को देखते 34 जिलों के डॉक्टर्स और प्रशासन अलर्ट, सीएम योगी ने 24 घंटे के अंदर मांगी रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत की खबर है। हालांकि सूत्रों की मानें तो यह आंकड़ा अभी बढ़ भी सकता है। हाथरस के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि अब तक कुल 116 लोगों की मौत हो चुकी है। 32 शव यहां लाए गए और उनमें से 19 की पहचान हो गई है। हम बाकी की पहचान कर रहे हैं। अलीगढ़ के डीएम विशाख जी अय्यर ने बताया कि कुल 23 शव अलीगढ़ लाए गए हैं। हाथरस घटना के तीन घायल लोगों का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। उनमें से दो की हालत स्थिर है जबकि एक की हालत गंभीर है। हमने अस्पताल प्रशासन से बात की है और (गंभीर) मरीज को आईसीयू में ले जाने की प्रक्रिया चल रही है।
वहीं इस हृदयविदारक घटना से पूरे देश में एक गम का माहौल बना हुआ है क्योंकि सूत्रों के मुताबिक पूरे हाथरस में जहां देखो लासें ही लासें है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इस भीड़ या इस कार्यक्रम की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं थी?इतनी भीड़ के साथ कार्यक्रम के लिए परमीशन ली गई थी ? आखिर कब तक ऐसे ही निर्दोष व मासूम जनमानस को मौत की गोद में सोना पड़ेगा? ऐसे जिम्मेदार लोगों के लिए क्यों नहीं बनता कोई ठोस कानून ?
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